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सोचते रह जाने के डर से / प्रेम साहिल

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कई काम अटक जाते हैं
सोचने से
या देर में होते हैं

सोच में पड़कर
सोचते रह जाने के डर से
कई काम
बग़ैर सोचे ही कर डालते हैं लोग।