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सोच ले अब बाद तेरे और क्या रह जायगा / रंजना वर्मा

सोच ले अब बाद तेरे और क्या रह जायेगा
जो करेगा कर्म तू वह ही बचा रह जायेगा

काफ़िले आकर गुजरते ही चले जायेंगे पर
एक मुट्ठी धूल की औ रास्ता रह जायेगा

अब मिला कर के कदम चलना ज़रूरी है यहाँ
बीच में वरना हमारे फ़ासला रह जायेगा

तेल तो हर एक दीपक में भरा जाता मगर
जिस दिये में जान होगी वह जला रह जायेगा

जब तलक है ज़िन्दगी तब तक हैं उम्मीदें बड़ी
मौत के आगोश में फिर क्या भला रह जायेगा

जो मिला खुशियाँ उसी में ढूँढने का कर जतन
बाद में बस दर्द का इक सिलसिला रह जायेगा

आखिरी जब हो विदाई दफ़्न कर हर आरजू
वरना तुझको जिंदगानी से गिला रह जायेगा