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सोनिका के गरभ से बाला का जन्म / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा

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होरे इन्द्रासन नेटुआ हें दैवा मृतभुवन आयल हे।
होरे चंदवा आवास हे बिषहरी लेले बिसराम हे॥
होरे सोनिका के गरभ जै छह बाला लखिन्दर हे।
होरे सात महीना हे सोनिका सधोर खइले हे॥
होरे नवो तो महीना हे सोनिका भुजवा खईले हे।
होरे दशम महीना जे भैल बाला के जन्म हे॥
होरे दुख दिन जनम भेल बाला लखन्दर हे।
होरे लार जे काटते हे सोनिका छीक परि गेली हे॥
होरे बाला केर जनम रे भेल चौपाई नगर हे।
होरे रवि दिन आवे रे बाला मरन तोहार रे॥
होरे बिहा राती आवे रे बाला अन सुख भेल रे।
होरे छवो तो महीना रे बाला अन सुख भेल रे॥
होरे नवो तो महीना रे बाला बोले तो लागल रे।
होरे बरषि ही दिन रे बाला गोलिया खेलइ रे॥
होरे पांच बरषि रे बाला डंडा गुली खेलइ रे।
होरे छौड़ा सबके संग रे बाला करई लड़ाई रे॥
होरे लाते छोड़ी आवे रे बाला हाथे नाहीं छुए रे।
होरे दसम बरश रे बाला गेदवा खेलइ रे॥
होरे गेदवा खेलैते रे बाला भैगेले लड़ाई रे।

होरे लात छोड़ो सावे रे बाला हाथ नहीं छ आई रे।
होरे गेन्दवा खेलइ रे बाला मामी का दुआरी रे॥
होरे मामी के दुआरी रे बाला गेन्दवा गिरायेलोरे।
होरे सोरहो सिंगार करिगे कोसिला बैसलि दुआरी हे।
होरे गेंद उछलि परलै रे दैबा मामी केर खौंछा रे॥
होरे गेंद लगो आवि रे बाला रोदना करेले रे।
होरे देहो मोरा जाने ये मामी गेंदवा हमार रे॥
होरे दौड़ा मारी गेला रे बाला मामी के पास रे।
होरे हम नहीं लेहली रे बाला गेंदवा तोहार रे॥
डोरे डिगरा जे छई रे बाला डिंगर तोहार बाप रे।
होरे कांदल पिटल रे बाला घर चलल आयल रे॥
होरे माता संग आवे बाला कहते बुझाए रे।
होरे बोले तो लागलि साहुनी बाला से जवाब रे॥
होरे एक गेंद हराएल रे बाला दूसरा गेंद देवी रे।
होरे खेलहु से आवे रे बाला आपन दुआरी रे॥
होरे बारह बरस रे बाला बंसी जे खेलइ रे।
होरे जाए तो जुमल रे बाला सोना खाल दह रे॥
होरे छौरा सबके संग रे बाला बंशी जे खेलई रे।
होरे सोलहो सिंगार करिगे कोशिला पनियांक जाय हे॥
होरे सोना के धैलिया कोशिला रूपा के गेडुला हे।
होरे सोना खाल घाटगे कोशिला आय तो जुमली हे॥
होरे नजर परलौ रे बाला मामी के ऊपर रे।
होरे बन्शी फेकत रे बाला घाट के किनार रे॥

होरे जाइ तो जुमले रे बाला मामी केर पास रे॥
होरे सोना केरे घैलियारे बालाफोरी वरु देले रे।
होरे रूपा के गेडुलिया बाला तोड़िके फेंकले रे॥
होरे सिरके तोरले रे बाला सोनाहुली मांग टीका रे।
होरे गला के तोरले रे बाला मला गिरमलहार रे॥
होरे बांह के तोरले रे बाला बजजवा बाजूबन्द रे।
होरे पांव के तोरले रे बाला बाजत नूपूर रे॥
होरे आठो अभरन रे बाला तोरिके फेकले रे।
होरे बाघ नोचा नोचे रे दैवा छाती के ऊपर रे॥
होरे कांदतेजे गेली हे कोशिला ननद के पास हे।
होरे तोर बेटा आवे हे ननदी भेजल त्रिपुण्डी हे॥
होरे आठो आभरन हे ननद तोरी के फैकले हे।
होरे बाघ नोचा नोची हे ननदी छाती के ऊपर हे॥
होरे बोले तो लागली हे सोनिका देइछे जबाब हे।
होरे जाही तोहे आवेहे भउजी ननदोसी के पास हे॥
होरे बाला केर हाल हे भऊजी कहब बुझाय हे।
होरे जाएला जमुली कोशिला ननदोसी केर पास हे॥
होरे बेटा आबे हे ननदोसी भेलउ त्रिपुण्डी हे।
होरे सोनापुर गेल हे ननदोसी करल मजाक हे॥