सोवेगा जो कोई कदी, जदी पड़ेंगे चोर ।
जागो तो खतरा नहीं, इस सारे में और ।।
इस सारे में और रोज दिन में आती हैं ।
दो ठगनी ठग एक सदा ठग-ठग खाती हैं ।।
गंगादास कहें आँख खुले पीछे रोवेगा ।
तस्कर लेजाँ माल-जान जो कोई सोवेगा ।।
सोवेगा जो कोई कदी, जदी पड़ेंगे चोर ।
जागो तो खतरा नहीं, इस सारे में और ।।
इस सारे में और रोज दिन में आती हैं ।
दो ठगनी ठग एक सदा ठग-ठग खाती हैं ।।
गंगादास कहें आँख खुले पीछे रोवेगा ।
तस्कर लेजाँ माल-जान जो कोई सोवेगा ।।