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सोह्रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सोह्रा मेरा लोभी बेटे न भरती घालै सै
सास मेरी चाली मनै झूठे ताने मारे सै
छेल छुट्टी आया मनै लील्ये लोट दिखावै सै
नोटां नै के फूक्कूं मनै सारा कुणबा तास्सै सै
गेल तेरी चालू पलटन मा भरती हो जूं
व्हां चालें बम्ब के गोले तौं डर डर के मर ज्यागी
वे आवैंगे सिपाही जोबन न कडै लकोवेगी