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सो जा कान्हा श्याम सलोना / शकुंतला कालरा
Kavita Kosh से
सो जा कान्हा, श्याम सलोना।
कोमल-कोमल लोना-लोना,
नटखट, चंचल ज्यों मृगछौना।
सो जा कान्हा, श्याम सलोना।
चंदन पलना नरम बिछौना,
चमके जैसे चांदी-सोना।
सो जा कान्हा, श्याम सलोना।
सुंदर मुख पर लगा डिठौना,
नजर लगे ना जादू-टोना।
सो जा कान्हा, श्याम सलोना।