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सौंसे घोघा उघैर गेलै हो / नंदकिशोर शर्मा

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लगना भागल कानै सरफन
गाँव शहर सब लैर गेलै हो
ऐसन चल्लै पछिया सातिर, सौंसे घोघ उघैर गेलै हो।

चाल हमर पुस्तैनी नामी भारतवासी
घृणाघाव सें लाँगर घर में सत्यानासी
हम्मर सोना के गगरी अब, सौंसे विष सैं भैर गेलै हो।

दादा खैलक चाउर रूपा के सोलय सेर केॅ
रूपा दाना खाय मगरुआ मोंछ टेर केॅ
खाय-खाय मँहगाई मुक्का, मंगला अब कुहैर गेलै हो।

रोज बनै पाटी पर पाटी सौ सहपाठी
खण्ड-खण्ड तस्वीर, जेब में सबके काठी
अपने में अनवन सैं भइया-घॉरे घॉर लहैर गेलै हो।

अनुशासन बीमार भेल साहेब जुठखोरबा
संसद में हाथापाही फानै मुंहजोरवा
बरियापन के तामझाम में सकल सभ्यता सैर गलै हो।
ऐसन चल्लै पछिया सातिर, सौंसे घोघ उघैर गेलै हो।