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सौ साल पहले, मुझे तुमसे प्यार था / हसरत जयपुरी
Kavita Kosh से
सौ साल पहले, मुझे तुमसे प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा
सदियों से तुझसे मिलने, जिया बेक़रार था
आज भी है और कल भी रहेगा
तुम रूठा ना करो
मेरी जाँ मेरी जान निकल जाती है
तुम हँसती रहती हो
तो इक बिजली सी चमक जाती है
मुझे जीते जी ओ दिलबर, तेरा इंतज़ार था
आज भी है और....
इस दिल के तारों में
मधुर झनकार तुम्हीं से है
और ये हसीन जलवा
ये मस्त बहार तुम्हीं से है
दिल तो मेरा सनम, तेरा तलबगार था
आज भी है और.....
इन प्यार की राहों में
कहो तो अब दिल को लुटा दूँ मैं
ओ चाँदी के क़दमों में
धड़कते दिल को बिछा दूँ मैं
तुझे मेरे जीवन पर सदा इख़्तियार था
आज भी है और...