Last modified on 15 अक्टूबर 2013, at 12:53

स्कूल जावती छोरियां / अर्जुनदेव चारण

सपनां रौ भार
किणनै ई भारी नीं लागै
छोरियां
इत्तौ भारी है
थांरौ बस्तौ
पण थांनै
हमेसा लागै हळकौ

घर सूं
स्कूल तांई
थांरै मौरां माथै
सवार रैवै
मां री सीख
उण भार सूं
थे
कदेई ऊंची नीं करी
आपरी नीजर
स्कूल सूं
घर तांई
थांरै माथा माथै
चिपियोड़ी दीखै
मास्टर री रीस
वा
घड़ी घड़ी टोकै, रोकै

थांरी हूंस
स्कूल अर घर रै बिच्चै
कांई ठा
कठै गम जावै