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स्तुति-निन्दा, सुख-दुःख / हनुमानप्रसाद पोद्दार

(राग देस)
 
स्तुति-निन्दा, सुख-दुःख सब, मान और अपमान।
इनमें जो नित सम रहे, सो ज्ञानी मतिमान॥