भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
स्त्रियाँ / मल्लिका अमर शेख़ / सुनीता डागा
Kavita Kosh से
स्त्रियों के पैदा होने का समय
ठीक-ठाक नहीं बता सकता है कोई
उनके पति
इतिहास के ज्ञाता
या जीवाश्म
क्योंकि किसी भी तड़ित् या पाषाण में
नहीं मिलती है उनकी पुरातन निशानियाँ
वे बहुत-बहुत-बहुत पुरानी हैं
और अभी तक गुफ़ा में ही रहती हैं
इतना ही जानते हैं लोग
अब कैसे यह क्या पूछना हुआ ?
क्या बीच-बीच में गुफ़ा से
हिंस्र दहाड़ नहीं सुनाई देती है ?
मूल मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा