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स्थगित स्वप्न / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़

क्या होता है स्थगित स्वप्न के साथ?
क्या यह सूख जाता है
धूप में किशमिश की तरह?

या पक जाता है घाव की तरह
और बहता है फिर?

क्या सड़े गोश्त की तरह दुर्गन्ध छोड़ता यह?
या जमती इसकी मीठी परत —
चाशनी की तरह ?

हो सकता है यह सिर्फ़ खाती हो झोल
किसी भारी चीज़ की तरह.

या कि करती यह विस्फोट ?

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’