Last modified on 26 जनवरी 2018, at 16:01

स्मृतियाँ / निरुपमा सिन्हा

मिस्र की पिरामिडों में
रखी लाशों की तरह
पूरे ज़िस्म में
सुरक्षित हैं
लेप लगाये हुए
स्मृतियाँ
संरक्षण की खोज ही
शायद
हुई होगी
इन्हीं स्मृतियों के
खो जाने के भय से
पिरामिडों के ठीक पीछे
दफ़न है
इन्हें पुनः जीवित कर देने का रहस्य
लेकिन
कोई उस कला को
सीखना नहीं चाहता
अच्छी लगती है
सबको शांत .....नीद में लेटी
मूक स्मृतियाँ
आवश्यकतानुसार
धीरे - धीरे
खुद की ओर से
खुले हुए दरवाजों से
प्रवेश करना
जहाँ से दूसरे का
दखल बंद हो!!