मैंने
पारिजात को
खिलते देखा है
इतना सुन्दर
इतना सुन्दर
इतना सुन्दर खिलते देखा है !
कि
अब
ओझल हो चुका है
स्मृतियों से ही…।
मैंने
पारिजात को
खिलते देखा है
इतना सुन्दर
इतना सुन्दर
इतना सुन्दर खिलते देखा है !
कि
अब
ओझल हो चुका है
स्मृतियों से ही…।