वो शाम रोशन थी
अपने हिस्से का उजास उसे गोद दे
उसे अपने समीप खींच
उसने हौले से कुछ कहा था
संकेतों की उस भाषा को
जब समझा गया
वहाँ लिखा था
एक विदा गीत!
वो शाम रोशन थी
अपने हिस्से का उजास उसे गोद दे
उसे अपने समीप खींच
उसने हौले से कुछ कहा था
संकेतों की उस भाषा को
जब समझा गया
वहाँ लिखा था
एक विदा गीत!