भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्वतंत्रता दिवस उत्सव - अगस्त 2018

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

१५ अगस्त २०१८ को कविता कोश 'सूत्र' कार्यक्रम के अंतर्गत कविता पाठ का आयोजन सेंचुरी सरस, यलहंका बेंगलुरू में किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ राष्ट्रगान व कविता कोश के स्वयंसेवा गान से हुआ।

यह आयोजन साहित्य, संगीत व कला व देशभक्ति से पूर्ण रहा। बच्चों ने भी इस अवसर पर वंदेमातरम् गीत पर नृत्य प्रस्तुति दी। तत्पश्चात काव्य पाठ प्रारम्भ हुआ जिसमें देशभक्ति से ओतप्रोत रचनायें पढ़ी गयीं।

इस अवसर पर कोमल राजपुरोहित (कश्मीर नहीं तुमको देंगे) , ज्योत्सना शिथिल्य (मेरा सुंदर भारत ), मनीशा प्रजापति (कुछ करके जाना है हमें देश हित), शबाना शेख (केवल नारों से काम न होगा), राजेश सिन्हा(बेटा गया विदेश), योगेन्द्र हेगड़े (हिंदू और मुसलमाँ हिंदुस्तान की शान), गरिमा सक्सेना (मात भारती देना मुझको ममता वाली छाँव), डा. पूजा शशि (सदा तिरंगा लहरायेगा), रिचा पाठक (अभी मशाल जलानी होगी), शिखा वर्मा (मुझे गर्व अपने भारत पर) ने सस्वर कविता और गीत का पाठ किया।

कार्यक्रम के अंत में गरिमा सक्सेना द्वारा हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान देने वाली अव्यवसायिक संस्था कविता कोश के योगदान के बारे में लोगों को बताया व सभी को स्वयंसेवा भाव से कविता कोश से जुड़ने व साहित्यिक योगदान हेतु प्रेरित किया गया।

संचालन कोमल राजपुरोहित व गरिमा सक्सेना ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ पूजा जी ने किया।