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स्वप्न में — 9-10 / रॉबर्तो बोलान्यो / उदय शंकर
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9.
सपने में
मैं सो रहा था
उसी समय मेरे सहपाठी
रोबर देस्नुस<ref>बीसवीं सदी के फ़्रांसीसी कवि, लेखक और पत्रकार</ref> को तरजिनो यातना शिविर से
मुक्त कराने की कोशिश कर रहे थे
जब मैं जगा तो एक आवाज़
मुझे हिला रही थी :
‘बोल्यान्यो जल्दी करो, जल्दी
हमारे पास गँवाने के लिए समय नहीं है’
जब मैं वहाँ गया तो
धुएँ में ग़मगीन
खण्डहर के बीच ख़ुद को
एक आदिम जासूस की तरह खड़ा पाया
10.
सपने में
पृथ्वी के अस्तित्व में आने के तीन अरब वर्ष बाद
मनुष्यों के हाथ सिर्फ आभासी संख्याओं का तूफ़ान आया है
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदय शंकर
शब्दार्थ
<references/>