भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

स्वागत में / रणजीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आ रहे हैं महामहिम बहुराष्ट्रीय निगम
स्वागत में
अपनी सड़कों की टांगें चौड़ा रहे हैं हम।