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स्वागत है नए साल! / निशान्त जैन
Kavita Kosh से
नई उमंग लिये आए प्रिय,
स्वागत है नए साल।
भूलें दुःख, बिसरें सारे गम,
हँसी-खुशी का साथ हो हरदम
चिंताएँ दें टाल!
मन की झोली में भर लें हम
ठंडी-मीठी हवा का मौसम,
हो मतवाली चाल!
गीत नए अंदाज नया हो
लहर नई अहसास नया हो,
सुरमय हों लय-ताल!
बैर-लड़ाई मिट जाएँ सब
झगड़े-रगड़े पिट जाएँ सब,
कटें द्वेष के जाल!
लें संकल्प प्रेम का सबसे
कर्म मंत्र अपनाएँ अब से,
होंगे तभी निहाल!
नई चमक हो देश में अपने
सच हो जाएँ सारे सपने,
झुके न अपना भाल!
खिल जाएँ मुरझाए चेहरे
ज्यों हों सुरभित पुष्प सुनहरे,
हो बस यही कमाल!