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स्वार्थ / भरत ओला
Kavita Kosh से
कलदार के भूखे को
कल चाहिए
साथी नहीं
जो तुम
नहीं बन सकते थे
किसी सुरत में
अगर आदमी को
इस बात का
पहले पता होता कि
ऊँट से
बेहतर काम कर सकती है मशीन
और कुबड़ में
ढेर सारी चर्बी होती है
तो शायद
तुम्हारे दिन
बहुत पहले लद गए होते