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हँसाया करो प्रिये / प्रेमलता त्रिपाठी
Kavita Kosh से
दांतों तले न होठ दबाया करो प्रिये ।
मुस्कान को युँही न छिपाया करो प्रिये ।
बातें युँ ही सभी बनाकर सरस भला ,
मनमीत को सदैव हँसाया करो प्रिये ।
मनको छले न राज कोई कहो वही,
विश्वास को कभी न घटाया करो प्रिये।
प्यारा लगे सफर यूँ रहें साथ साथ हम,
जीवंत गीत संग यूँ गाया करो प्रिये ।
बाधा नहीं विरोध दुआएँ फलें फुलें,
जीवन कटे सप्रेम लुटाया करो प्रिये।