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हँसी / तादेयुश रोज़ेविच
Kavita Kosh से
पिंजड़ा इतने दिन बंद रहा
कि एक चिड़िया पैदा हो गई उसमें
इतने दिन खामोश रही चिड़िया
पिंजड़ा खुला
खामोशी की जंग लगा
खामोशी इतनी देर तक रही कि
काले सींखचों के पीछे से
फूट पड़ी हँसी