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हँसी / विमल कुमार
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उनको जब हँसी आई
तो आती ही चली गई
वे रुके नहीं
दिन रात हँसते रहे
पुरी दुनिया में फ़ैल गई उनकी हँसी
दूर-दूर से लोग आए, उनकी हँसी देखने
एक दिन मेरा लड़का भी गया ।
देर रात वो लौटा
तो उसे ज़ुकाम हो गया
सुबह होते ही वो मर गया ।