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हउ बलि बलि जाउ रमईया कारने / रैदास
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।। राग धनाश्री।।
हउ बलि बलि जाउ रमईया कारने।
कारन कवन अबोल।। टेक।।
हम सरि दीनु दइआलु न तुमसरि। अब पतीआरु किआ कीजै।
बचनी तोर मोर मनु मानैं। जन कउ पूरनु दीजै।।१।।
बहुत जनम बिछुरे थे माधउ, इहु जनमु तुम्हरे लेखे।
कहि रविदास अस लगि जीवउ। चिर भइओ दरसनु देखे।।२।।