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हकीकत है कोई कहानी नहीं है / सिया सचदेव
Kavita Kosh से
हकीकत है कोई कहानी नहीं है
तुम्हारे बिना जिंदगानी नहीं है
हमें याद करके बता दीजियेगा
कोई बात ऐसी जो मानी नहीं है
निशाने तो लाखों नज़र में रहे हैं
कमां आज तक हमने तानी नहीं है .
ये दिल की कहानी अजब है कहानी
छिपानी नहीं है बतानी नहीं है .
मैं इंसान हूँ कोई पत्थर नहीं हूँ
जो आँखों से बरसा वो पानी नहीं है .
ग़ज़ल में कोई शेर ऐसा नहीं हो
कि मिसरों में जिसके रवानी नहीं है
सिया ढूंढ कर फिर भी तुझको रहेगी
तो क्या है अगर कुछ निशानी नहीं है.