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हज़रत आलम युसूफ जाफ़री रहमानी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी

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आप की शख्सियत दुनिया-ए-उर्दू के लिये ग़नीमत ही नहीं नेमत है 'रतन' पंडोरवी मेरे नज़दीक अदबे-क़दीम व जदीद का संगम हैं। उन की ऐतदाल पसन्दी, पुख्ताकारी, कुहनामुश्की उन के कलाम से ज़ाहिर होती है। उन की ज़बान और उसलूबे-बयान में दबिस्ताने-देहली व लखनऊ व पंजाब की खुसूसियत की आमेज़िश हुस्न-ओ-ख़ूबी के साथ मिलती है।