भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हज़ारों -हज़ार साल से / शिवजी श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
हजारों हजार साल से,
औरतें कर रही हैं पूजा-
रख रही हैं व्रत
पतियों की लम्बी उम्र के लिए,
माताएँ मना रही हैं मनौतियाँ/
कर रही हैं अनुष्ठान-
बेटों की सलामती के लिए,
बहनें कर रही हैं प्रार्थनाएँ
भाइयों की खुशहाली के लिए,
महान है हमारा देश/
महान है हमारी संस्कॄति.
पर दोस्तो,
किसी को मालूम हो तो बतलाना,
महान संस्कृति वाले हमारे महान देश में,
बहनों की खुशहाली/
माताओं की सलामती-
और पत्नियों की लम्बी उम्र के लिए भी-
किसी व्रत,पूजा,प्रार्थना या अनुष्ठान का विधान है क्या ?
यदि नहीं,
तो कैसे सुखी और सलामत रहेंगी-
माँ,बहन और बेटियाँ