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हठियन के हठयोग अलग्गइ होमतु एँ / नवीन सी. चतुर्वेदी
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हठियन के हठयोग अलग्गइ होमतु एँ।
सीधे-सच्चे लोग अलग्गइ होमतु एँ॥
पीर-पराई और उपचार करें अपनौ।
सन्त-जनन के रोग अलग्गइ होमतु एँ॥
रोज-रोज कब जनमतु एँ मीरा-सबरी।
जोगनियन के जोग अलग्गइ होमतु एँ॥
सीधे म्होंड़े में हू गिर सकत्वें अंगूर।
पर ऐसे संजोग अलग्गइ होमतु एँ॥