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हत्यारे इतिहास नहीं पढ़ते / गोविन्द माथुर
Kavita Kosh से
हत्यारों की जेब में होता है देश का नक्शा
टुकडों टुकडों में, अलग अलग जेब में
अलग अलग भाषा में
हत्यारे नक्शा जोड़ते नहीं
हत्यारे सिलवाते रहते है नई नई जेबे
हत्यारों की नस्ल बहुत पुरानी है
हत्यारे पाए जाते है ,हर देश हर काल में
हत्यारों की सुरक्षा करते है हत्यारे
हत्यारों का कोई दुश्मन नहीं होता
हत्यारे मारे जाते है दोस्तों के हाथों
इतिहास में
स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई है
हत्यारों की गौरव गाथा
हत्यारे रचते है इतिहास
हत्यारे इतिहास नहीं पढ़ते