हत्यारे / श्रीविलास सिंह
हत्यारे
अधिक संगठित होते हैं
और अपने पेशागत काम मे
अधिक पारंगत भी।
उनमें एकता भी अधिक होती है
और अनुशासन भी।
उन्हें होता है बेजोड़ नियंत्रण
अपनी भावनाओं पर
विचार बिलकुल एकांगी,
वे परेशान नहीं होते
दया, करुणा, प्रेम और ऐसे ही और भी
तमाम फालतू मानवीय मूल्यों से
आत्मा की आवाज वगैरह
कभी नहीं करती उन्हें बेचैन,
उनमें एक अजीब आकर्षण होता है
ताज़ा लाल रक्त के प्रति
उसका गर्म नमकीन स्वाद
ला देता है पानी
उनकी जीभ पर
उनकी आँखें कभी गीली नहीं होती,
हत्यारे भी होते हैं
हमारी आपकी ही तरह
हमारे आपके ही बीच में,
किसी सनक, किसी जुनून में
और कभी कभी
बिना किसी कारण के भी
किसी की जान ले लेने के बाद
उनके चेहरों पर
होती है चरम सन्तुष्टि,
क्या हत्यारों को
पता होगा कि एक परिवार होता है उनका भी
जिनको उन्होंने मार डाला है
अभी अभी,
क्या हत्यारे भी
हमारे आप की तरह
स्नेह से फेरते होंगे हाथ
अपने बेटों के सिर पर
क्या वे भी चूमते होंगे माथा
अपनी मासूम बेटियों का
क्या वे भी करते होंगे प्यार
वैसे ही टूट कर
अपनी प्रेमिकाओं को,
क्या कभी हत्यारे भी देखते होंगे आईना ।