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हथियार अर थारी कूंख / अर्जुनदेव चारण
Kavita Kosh से
आंधौ ईसकौ
उपजावै अजांण डर
बगतर री कड़िया कस
ऊभौ होवै गुमेज
हार अर जीत री बारखड़ी पजियोड़ौ
मानखौ
बणावै
नुंवा नुंवा असलाह
अस्वत्थामा रै ब्रहमास्त्र सूं लेय
नाईट्रोजन बम तांई
सगळां रै नुक्कै
लिखियौड़ौ होवै एक नाम
बे
घड़ी घड़ी
सोधै थनै
मां सगळा हथियार
थारी कूंख रा
बैरी क्यूं है