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हथ करघे का कपड़ा पावैं / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हथ करघे का कपड़ा पावैं
गांधी का फरमाण बजावैं
गरीब जुलाहां के कुंबनां नै
रोटी कमान का काम दिलावैं