भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमको दुनियाँ से इस मिला क्या है / रंजना वर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हमको दुनियाँ से इस मिला क्या है
उन की यादें हैं औ बचा क्या है
 
तुम जो मिलते गहे ख़्वाब हँसते थे
आँसुओं का ये सिलसिला क्या है

लोग कहते हैं जरा चुप तो रहो
हम ने लेकिन अभी कहा क्या है
 
गुम खयालों में हो गये उस के
पूछ लें कोई माजरा क्या है
 
उनकी आंखों से मुहब्बत छलकी
इस से बढ़ कर भला दुआ क्या है

दर्द उल्फ़त का है हसीन मगर
इस की कोई कहे दवा क्या है

ख़त का मज़मून पढ़ के हँसते हो
इस मे ऐसा मगर लिखा क्या है