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हमने हारे दिये चुन लिए / अंकित काव्यांश
Kavita Kosh से
हमने हारे दिये चुन लिए
अंधियारे के संग युद्ध में ।
दंभ सहन करना मुश्किल था
जीते हुये दियों का मौला।
हमने आसानी से पहले
अपनी कठिनाई को तौला।
हम उस अंतर में दीखेंगे
जो अंतर पागल प्रबुद्ध में
हमने हारे दिये चुन लिए
अँधियारे के संग युद्ध में।
दोहरा चेहरा दिखा न पाये
इतिहासों में नाम न होगा।
हमें शिखण्डी कहे न दुनिया
अतः पराजय को ही भोगा।
हम उस अंतर में दीखेंगे
जो अंतर कबिरा व बुद्ध में
हमने हारे दिये चुन लिए
अँधियारे के संग युद्ध में।