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हमरा मुन्ना आँगन इमली को झाड़ऽ ते / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
हमरा मुन्ना आँगन इमली को झाड़ऽ ते
बड़ी मिठी इमली ओ।।
वा ते बेला दारी चयढ़ी छेला डारऽ ते
बड़ी मीठी इमली ओ।।
ओको लहँगा जो अटक्यों बीच डारऽ ते
बड़ी मीठी इमली ओ।।
ओका लहँगा का हो गया चिंधाचार ते
बड़ी मीठी इमली ओ।।
ओका घर को सैंया गयो रे बन-वास ते
बड़ी मीठी इमली ओ।।
ओका पोर्या पारी हो गया दानो-दान ते
बड़ी मीठी इमली ओ।।