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हमरा सें तोहें की पूछोॅ / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

हमरा सें तोहें की पूछोॅ
शरत पूर्णिमौं सें अच्छा छौं।

देह कांति मणिये रं शोभौं
मोती सें ज्यादा निर्मल छौं
नील वसन के मेघोॅ बीचें
बिजली नाँखी देह धवल छौं
आँख लजावै छौं खंजन केॅ
हाव, भाव, हेला खिच्चा छौं।

जेकरा देखै छौ, ऊ माँतै
मधु पीवी जों बौरावै छै।
अपना सें छै दूर बहुत ही
देखवैया ठो दिखलावै छै
कामरूप रं जादू डारौ
झूठ कहाँ कुछ, सब सच्चा छौं।