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हमरोॅ देशः गुजरलोॅ वेश, खण्ड-07 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’

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पार्टी-लोढ़ी के झगड़ा मेॅ
देश करै बटवारा
मुंडी काटी जशन मनावै
खूनोॅ के पखवारा ।।49।।

लूटै-पाटै जे घूसै घर
सकठे आतंकवाद
के नै कन्नेॅ घात लगावै
सबके सब उस्ताद ।।50।।

के नै केकरा लूटै-चूसै
कहाँ नै मिथ्यावाद
घुसखोरी सेॅ फरलोॅ फुल्लोॅ
सौसे मुलुक आवाद ।।51।।

ठीकेदार के सीमा देखोॅ
जेकरोॅ नै छै सीमा
पूल धँसै या ईंटोॅ लोघड़ै
केकरो छै की वेमा? ।।52।।

केकरोॅ भैया के रखवारा
जेकरा जत्तेॅ लूटै
बंदर-बाँटे के बटवाराई
जत्तेॅ चाहै ठूसै ।।553।।

दाव-पेंच के रे लफड़ा के
बनलै ई पंचायत रे
दुखो दरिद्दर ओकरे भागै
पिछलगुवा जे चाहत रे ।।54।।

रणनीति के पहरा देखोॅ
यहेॅ करलकै जारी
जौनें जत्तेॅ अंगुठा चूमै
ओकरे छुटै बेमारी ।।55।।

पक्षपात छै ऊपर-नीचू
न्याय भला की होबै
जेकरोॅ कोय यहाँ नै अपनोॅ
डेगे-डगे रोबै ।।56।।