हमरोॅ मौका / गुरेश मोहन घोष
ई मौका की ऐथौं की? पीछू यें सब देथौं की?
जब तक छै चुनाव चलाबोॅ, दही चूड़ा खूब बहावोॅ,
सायकिल रिक्सा जीपोॅ आरू कार चलाबोॅ पी-पी-पी!
पैसो लेॅ ईनार वानाबोॅ देवी दुर्गा छात पिटाबोॅ,
मुर्गा, मछली, मांस मंगाबोॅ, पांचो औंगरी धीए-घी!
मतदानोॅ पर आनै छोॅ? धी पुतोहू जानै छोॅ?
दिन भर खाड़ी रहतौं केना, लोगें जन्नें कहथौं की?
बाबा भैया कोय नै जैतै, एक्के मुन्ना भोट गिरैतै।
बिना दाग के अैतै जैतै, हैकिमें कुच्छु कहथौं की?
मनमाना सरकार बनैबै, पटना दिल्ली कार चलैबै,
भट्ठी सें सराब मगायकेॅ, हम्मू पीवै तोहूँ पी।
मरजी हमरोॅ नेता तोंहीं, चुनोॅ मंत्री गन्नोॅ केॅ,
जे कहभौं से सुनेॅ पढ़तौ, नै तेॅ गाड़ी चलथौं की?
लीक पुरानोॅ छोड़ोॅ बाबू, एक मत्तोॅ सरकार नै अच्छा,
तोंहें उत्तर हम्में दक्खिन, कोय पूरब कोय पच्छिम जी।
तकदीर छै हमरै हाथोॅ में, तस्वीरोॅ हमरै साथोॅ में,
पातालोॅ के जात्रा करलें-स्वर्गधाम पहुंचैभौं जी!
हम्में बाभन तोहंे तेली, प्रेम सें लड़बोॅ गद्दी ले ली!
डगमग-डगमग गिरेॅ लागबोॅ, दौड़ोॅ जे.पी. जे.पी. जी!
ये जुगोॅ के नेता हम्मीं, परिवर्तन परनेता हम्मीं।
देख समूचा हमरै साथें, पूर्न क्रान्ति भेथौं की?
सबके मुन्ना कलमा पढ़तै, की जरूरत सिक्छा के?
रोगी मारी रोग भगैबै, जय बोलोॅ आरकछन की!
परम सुख सान्तिये में छै, बोली बाजी बन्द करैभौं,
डोॅर नै आन्ही बाढ़ोॅ के, हाबा पानी मिलथौं की?
राखोॅ पिस्तल साथ हमेसा, धारन करलें रात के पेसा,
दिल्ली सें ईनामोॅ पैभेॅ, हम्मू साथें चलिहौं की?
गणतंत्री करताल बजैलें, ढोलो मिरदंग झाल बजैलें,
हलुआ-पूड़ी-माल मंगाबोॅ, जय तिरंगा गांधी जी!
ई मौका की ऐथौं की?