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हमरो के पार लगैया, परमेसरी मैइया / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो के पार लगैया, परमेसरी मैइया
आबोॅ हे छठि देवी मैइया
हमरो के पार लगैया
कथी के दियरा मैइया, कथी सुत बाती
कओनें छै लेसबैया, परमेसरी मैया
सोना के दियरा मैइया, पाट सुत बाती हे
अबला नारी लेसबैया, परमेसरी मैया
कथी के नैइया मैइया, कथी करुआरि हे
किनकर भार लदबैया, परमेसरी मैइया
सोना के नैइया मइया, रूपा करुआरि हे
नारियल केरोॅ लदबैया, परमेसरी मैया
लियौ-लियौ अर्ध मैइया, होइऔ सहैया
सब दिन पार लगैया, परमेसरी मइया।