भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमरो के पार लगैया / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो के पार लगैया, परमेसरी मइया
आबऽ हो दीना नाथ भैया,
हमरो के पार लगैया
कथी के दियरा मइया, कथी सुत-बाती
कओने छै लेसबैया, परमेसरी मइया
सोना के दियरा मइया, पाट-सुत बाती हे
अबला नारी लेसबैया, परमेसरी मइया
कथी के नइया मइया, कथी करुआरि हे
किनकर भार लदबैया, परमेसरी मइया
सोना के नइया मइया, रूपा करुआरि हे
नारियल-केरा लदबइया, परमेसरी मइया
लियौ-लियौ अर्घ मइया, होइऔ सहैया
सब दिन पार लगैया, परमेसरी मइया