Last modified on 1 जुलाई 2014, at 23:38

हमरो बलुम जी के नामी-नामी केश छनि / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरो बलुम जी के नामी-नामी केश छनि
से जुलुम करै ना
ना रे अँउठिया केशबा, जुलुम करै ना
हमरो बलमु जी के बड़ी-बड़ी अँखिया
से जुलुम करै ना
ना रे, मारै तिरछी रे नजरिया, जुलुम करै ना
हमरो बलमु जी के पातर-छितर ठोर छनि
से जुलुम करै ना
ना रे, छोड़ै मुसकी रसिकबा, जुलुम करै ना
हमरो बलमु जी के सँइतल जीह छनि
से मन भाबै ना