भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हमर गाम / रमानन्द रेणु

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हम गामक लोक छी
आ गमक माटि-पानि में लेटाहत
हम जीवि रहल छी
हम छी आ हमर गाम अछि

हमर गाम एहि धरती पर अछि
हमर गाम एहि देशक गाम अछि
आ ई देश गामेक देश अछि

एखन धरि
हमर गाम एकटा इतिहास छलैक
हमर गाम एकटा संस्कार छलैक
गामक एकटा व्याकरण छलैक
आ गामक एकटा व्यवहार छलैक

गामक लोकक एकटा परिवार छलैक
गामक लोकक एकटा समाज छलैक
गामक लोकक एकटा पुरुषार्थ छलैक
आ गामक लोकक एकटा उदाहरण छलैक

एहि इतिहास में
लोक सभ जीवैत छल
एहि संस्कार में
लोक सभ जागैत छल
एहि परिवार आ समाज में
लोक सभ बैसैत छल. उठैत छल

सभ क्योक सुख-दुःख बाँटल छलैक
सभ क्योक एक टा सम्बन्ध छलैक
सभ क्योक एक टा गाम छलैक
सभ क्योक एक टा देश छलैक
एक टा नाम छलैक

आजुक गाम, गाम नहिं अछि
आजुक लोक, लोक नहिं अछि
आजुक परिवार, समाज आ देश टूटल अछि
आजुल सम्बन्ध आ विश्वास काटल अछि
बेढल अछि, आ एकाढ अछि.

सब क्योक सीमान फराक छैक
सब क्योक लोक बताह छैक
सब क्योक गाछक टूटल पात छैक
आ सब क्यो अपने घर में बैसल
गुड़ चाउर चीबा बैत अछि
आ उदास अछि.

गामक इतिहास खंडित अछि
गामक लोकाचार वर्जित अछि, बाधित अछि
गामक नीति स्याह अछि
गामक व्याकरण धोअल अछि, पोछ्ल अछि
गामक रीति बदलल अछि
आ गामक लोक अनकहल अछि
गामक गाम बेरायल अछि
नकशां पर सं देश बिलायल अछि

गामेक एकात में हम
धकियाओल छी
एकसर हम ठार अकानैत छी
हमर गाम कत्तs गेल
हमर गाम कत्तs हेरा गेल
हमहूँ आई बताई छी
तबाह छी आ अबाह छी

ई हमर गाम नहिं अछि, नहिं अछि
नहिं अछि ई हमर गाम
हमर गाम.