हमलावर के लिए समाधि-लेख / रोबेर्तो फ़ेर्नान्दिस रेतामार / अनिल जनविजय
तुम्हारे परदादा ने घोड़े पर चढ़कर टेक्सास को पार किया
बलात्कार किया मेक्सिको की साँवली औरतों के साथ
और तब तक घोड़ों को चुराता रहा
जब तक उसने मेरी स्टोनहिल से शादी नहीं कर ली
और अपना घर नहीं बना लिया
घर में बाँज की लकड़ी का फ़र्नीचर था
वह प्रार्थना करता था — ईश्वर हमारे घर को सुरक्षित रखे ।
तुम्हारा दादा जलयान से सन्तयागो दे कूबा में उतरा
उसने स्पेनी सेना को हारते हुए देखा
और रम के नशे में मदहोश होकर
वह गोरों और कालों से पैदा संकर लड़कियों का
गहरा वियोग लेकर लौटा वापिस ।
तुम्हारा पिता वैसे तो शान्त स्वभाव का था
उसने सिर्फ़ ग्वातेमाला के पचासियों किसानों को
अपने यहाँ काम पर रखा
और अपने परिवार के प्रति वफ़ा बनाए रखी ।
अब तुम आए हो हमलावर बनकर
1962 के शरद में कूबा में उतरे
और अब तुम सेइबा<ref>बांस की प्रजाति का एक अमेरिकी पेड़, जिसपर रूई पैदा होती है।</ref>के पेड़ के लिए खाद बने हुए हो ।
स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय
और लीजिए, अब यही कविता मूल स्पानी में पढ़िए
Roberto Fernández Retamar
Epitafio de un invasor
Tu bisabuelo cabalgó por Texas,
Violó mexicanas trigueñas y robó caballos
Hasta que se casó con Mary Stonehill y fundó un hogar
De muebles de roble y God Bless Our Home.
Tu abuelo desembarcó en Santiago de Cuba,
Vio hundirse la Escuadra española, y llevó al hogar
El vaho del ron y una oscura nostalgia de mulatas.
Tu padre, hombre de paz,
Sólo pagó el sueldo de doce muchachos en Guatemala.
Fiel a los tuyos,
Te dispusiste a invadir a Cuba, en el otoño de 1962.
Hoy sirves de abono a las ceibas.