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हमसफर / उमा अर्पिता
Kavita Kosh से
हमें हमसफर भी मिला
तो वो, जो
दो कदम भी साथ न चल सका…
चल न सका या
चलने से डर गया...!
हमें हमदर्द भी मिला
तो वो, जो
दो पल भी दर्द न बाँट सका…
दर्द बाँट न सका
या बाँटने से घबरा गया...!
हमें हमराज भी मिला
तो वो, जो
दिल से दिल की बात न कर सका…
बात कर न सका
या सच बोलने से डर गया...!