भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमारा प्यार मुज़रिम है / हालीना पोस्वियातोव्स्का
Kavita Kosh से
|
हमारा प्यार मुज़रिम है
मौत की सज़ा मिल चुकी है उसे
मर जाएगा
बस्स, दो ही महीनों में
बहुत जगह है दुनिया में
समय है बहुत
अब तुम छोड़ दो मुझे
दुनिया बहुत कमज़ोर है
मज़बूर है
चूम कर भी
अब मैं रोक नहीं सकती तुम्हें
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय