हमारी औरतों को चेहरे / नाज़िम हिक़मत
मरियम ने ख़ुदा को जन्म नहीं दिया था,
मरियम ख़ुदा की माँ नहीं थी,
सब माँओं की तरह एक माँ थी वह।
मरियम ने तो बेटे को जन्म दिया था
सब बेटों की तरह एक बेटे को।
इसीलिए मरियम
इतनी ख़ूबसूरत दिखाई देती है सभी तस्वीरों में,
इसीलिए मरियम के बेटे से हमारा इतना अपनापा है,
जैसे अपने बेटों से होता है।
हमारी औरतों के चेहरे हमारे दर्दों की किताब हैं।
हमारे दर्द, हमारी ग़लतियाँ, और ख़ून जो हम बहाते हैं
जैसे हल से अपनी औरतों के चेहरों पर उकेरते हैं निशान।
हमारी ख़ुशियाँ झलकती हैं औरतों की आँखों में
जैसे सूरज चमकता है सुबह-सुबह तालाबों में।
हमारी कल्पनाएँ झलकती हैं उन औरतों के चेहरों पर
जिन्हें हम प्यार करते हैं।
हम उन्हें देखें या नहीं,
वे हमारे साथ होती हैं,
हमारी हक़ीक़तों और कल्पनाओं के एकदम क़रीब।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय