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हमारी कामगार तस्वीरें / विपिन चौधरी

दो ठो मज़बूत हाथ
दो ठो बलिष्ठ पाँव
बस इतना ही
और हमारी तस्वीरें हुई मुकम्मल

धड़ के ऊपर का अंश
सिरे से ही ग़ायब क्यों ?

बीच में सिर होता है ना बच्चे
और सिर भीतर दिमाग
बस वही नहीं चाहिए यहाँ

यही दिमाग तो बेलगाम हरकतें करता है
और गड़बड़ इसकी हरकतों से पैदा होती है

ऐसे ही तो चित्रित होती है
देश-दुनिया के मज़दूरों की तस्वीरें
धड़-विहीन सिर के

और सुनो,
इनमें रंग मत भरना
ये ऐसे ही शोभा देती हैं
श्वेत-श्याम नहीं तो सलेटी

कोमलता का एक भी लहराती वलय रेखा
यहाँ मत उकेरो

अब लाओ
ले आओ
यहीं बगल में अट्टा दो
सींगों वाले सिरों वाली प्रबुद्धजनों की रंगीन तस्वीरों को
यहाँ बगल में

इस तरह चित्रों के संसार में भी
दो दुनिया इकट्ठा होती हैं
विपरीत दिशाओं में जाने के लिए