हमारी गैल में रपटन मचायबे बारे।
तनौ ई रहियो हमन कों गिरायबे बारे॥
बस एक दिन के लिएँ मौन-ब्रत निभाय कें देख।
हमारी जीभ पे तारौ लगायबे बारे॥
जनम-जनम तोहि अपनेन कौ संग-साथ मिले।
हमारे गाम सों हम कों हटायबे बारे॥
हमारे लाल तिहारे कछू भी नाँइ नें का।
हमारे ‘नाज में कंकर मिलायबे बारे॥
हमें जराय कें अपनी हबस बुझाय मती।
पलक-पलक सों नदिन कों बहायबे बारे॥