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हमें यह पता है / महेन्द्र भटनागर
Kavita Kosh से
रुकावट हटाते हुए हम चलेंगे,
अँधेरा मिटाते हुए हम चलेंगे,
हमें यह पता है —
उजेले में बिजली कभी चमचमाती नहीं है !
सजग रह सतत आज बढ़ते रहेंगे,
इमारत नयी एक गढ़ते रहेंगे,
हमें यह पता है —
जवानी मनुज की कभी लड़खड़ाती नहीं है !
ठिठक कर रुकेंगी विरोधी हवाएँ,
फिसल कर गिरेंगी सभी आपदाएँ,
हमें यह पता है —
कि हिम्मत की साँसें कभी व्यर्थ जाती नहीं हैं !