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हम आ अहाँ / गंग नहौन / निशाकर

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हम आ अहाँ
मिलि कऽ बाँटि लेब
एक-दोसराक
सुख-दुख
आ एकाकीपन।

हमर
बहैत नोरसँ
पसीझि जइ अहाँ
अहाँकें लागए
जेना टघरल अछि नोर
अहींक आँखिसँ।

हम बजाबी गिटार
तँ गिटारक धुन
बेचैन कऽ दिअए अहाँकें
अहाँकें लागए
जेना बहराएल अछि धुन
अहींक हृदय धारसँ।

हमर
डायरीक लिखल शब्द
भरि जाइछ
अहाँक वेदनासँ
हमरा लगैए
जेना बहराएल अछि शब्द
अहींक वेदनाक सागरसँ।